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औरंगाबाद जिले में रिटायर्ड शिक्षक की ब्लैक फंगस से मौत, औरंगाबाद जिले में मिला पहला मामला

 



रिटायर्ड शिक्षक की ब्लैक फंगस से पटना के एम्स में मौत, जिले का पहला मामला
 जिले में भी ब्लैक फंगस का मामला सामने आया है.सदर प्रखंड के जगदीशपुर गांव के रिटायर्ड प्रधानाध्यापक ललन कुमार सिंह की मौत ब्लैक फंगस से होने का मामला प्रकाश में आया है. हालांकि जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल और स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम डॉ कुमार मनोज ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. इधर मृतक के रिश्तेदार व चेई नवादा पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि विकास कुमार बबलू ने बताया कि ललन कुमार सिंह उनके मौसा थे. छह मई को उनको कोरोना की जांच करायी गयी थी और वे पॉजिटिव पाये गये थे. 16 मई को निगेटिव हो गये. जमुहार मेडिकल कॉलेज में इलाज हुआ. 17 मई को घर लौट गये. 

24 मई को उनकी आंख में परेशानी हुई तो जमुहार मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक से सलाह लिया और जब उन्हें पता चला कि वे संभवतः ब्लैक फंगस का शिकार हो गये है तो इलाज के लिए उन्हें पटना में एम्स में 25 मई को भर्ती कराया गया. लगातार इलाज चला. डॉक्टरों ने बताया कि वे फंगस का शिकार हो गये और उनकी दोनों आंखे निकालनी पड़ेगी.इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया.30 मई को इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गयी.इधर जानकारी मिली कि छह माह पहले ही ललन कुमार सिंह आमस हाई स्कूल से रिटायर्ड हुए थे.


 वही बात करें औरंगाबाद जिले में कोरोना की हाल चाल के बारे में तो यहां कोरोना की रफ्तार धीमी है। आज बुधवार को 2471 लोगों की कोरोना जांच कराई गई जिसमें मात्र तीन नए मरीज मिले हैं। दो पॉजिटिव आरटीपीसीआर जांच में और एक एंटीजन जांच में चिन्हित किया गया है। इधर 34 मरीज ठीक भी हुए हैं। इस आशय की जानकारी डीपीएम डॉ कुमार मनोज ने दी है। उन्होंने बताया कि दो हजार लोगों की एंटीजन जांच का लक्ष्य निर्धारित था जिसके विरुद्ध 1486 लोगों की जांच कराई गई। इसमें मात्र एक व्यक्ति पॉजिटिव और 1485 निगेटिव पाए गए। आरटीपीसीआर जांच की 960 लोगों की रिपोर्ट आई जिसमें दो व्यक्ति पॉजिटिव तथा 958 व्यक्ति निगेटिव पाए गए। टूनेट के जरिए 25 लोगों की जांच कराई गई जिसमें कोई पॉजिटिव नहीं पाया गया है। जिले में संक्रमितों की कुल संख्या घटकर 106 हो गई है।


कोरोना से लोगों की मौते तो हो रही है लेकिन अधिकतर लोग टिका लगाने के लिए आगे नही आ रहे है। लोगों में ना जाने कैसे यह अफवाह फैला गया कि टिका लगाने से लोग बीमार पड़ जाएंगे। जब लोग टिका नही लगाएंगे तो यही होगा किसी को ब्लैक फंगस होगा किसी को कोरोना से मौत होगी। इसी समस्या को दूर करने के लिए जीविका समूह की दीदियां आगे आ रही है।


विश्वव्यापी महामारी कोरोना के खिलाफ जंग जारी है. ऐसे में टीकाकरण एक सबसे बड़ा अभियान है कोरोना की वैक्सीन 18 साल से ऊपर के हर किसी को लेना है. हर उम्र के लोगों को वैक्सीन के बदौलत ही नयी जिंदगी मिल रही है. ऐसे में औरंगाबाद जिले के जीविका दीदियों ने घर- घर जाकर लोगों को टीकाकरण के बारे में जागरूक कर रही हैं. मदनपुर से जीविका मित्र सीमा कुमारी ने बताया कि सभी समूहों से जुड़ी जीविका दीदियों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है पंचायत के हर गांव में हर घर तक जीविका के कैडर पहुंच रहे हैं इस संबंध में जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक पवन कुमार ने बताया कि प्रतिदिन रोस्टर बनाकर जीविका से जुड़े हुए कर्मियों,कैडर और दीदीयों को टीकाकरण के लिए भेजा जा रहा है.


 जो लोग टीकाकरण करा चुके हैं ,उनके अनुभवों के माध्यम से दूसरे दीदियों को प्रेरित किया जा रहा है. जो टीकाकरण को लेकर अफवाह फैला हुआ है उसे खत्म करके टीकाकरण के लिए लोगों को सेंटर पर भेजा जा रहा है. मदनपुर, हसपुरा ,देव ,कुटुंबा बारुण सहित सभी प्रखंडों में टीकाकरण का कार्य जोरों पर चल रहा है.कुछ जगह पर टीकाकरण को लेकर कई तरह की भ्रांतियां थी ,जिसे जीविका कर्मियों द्वारा दूर किया जा रहा है इसमें काफी हद तक सफलता प्राप्त करने के बाद उन्हें टीकाकरण के लिए केंद्र पर भेजा जा रहा है.अब तक औरंगाबाद जिले में 21 हजार से ज्यादा दीदियों का कोरोना से जंग लड़ने के लिए टीका दिया जा चुका है . अगर इनके परिवार वालों को भी टीकाकरण के आंकड़े में जोड़ा जाये, तो लगभग 43 हजार जीविका से जुड़े परिवारों को कोरोना का टीका दिया जा चुका है, जिनमें 45 साल से ऊपर के सदस्य भी शामिल है.


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