औरंगाबाद कोरोना से हुई महिला की मौत तो घरवालों ने छोड़ दिया शव, समझाने पर बेटे ने पीपीई किट पहन किया अंतिम संस्कार
बिहार के औरंगाबाद में कोरोना वायरस का विकराल रूप निरंतर जारी है। आये दिन जिला में कोरोना का मरीज निरंतर मिल रहे है, क्योंकि लोग कोरोना वायरस को सीरियसली नही ले रहे है, लोग अभी भी कोरोना को झूठ समझ रहे है खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना को हकीकत नही मान रहे है । बिहार सरकार ने कोरोना चैन को तोड़ने के लिए बिहार में लॉकडाउन भी लगाया गया है। हालांकि, लॉकडाउन की वजह से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है। वहीं अब मौत के आंकड़े भी कम दिखने को मिल रहे हैं। पर इस लोकडौन से ज्यादा परेशानी गरीब तबके को ज्यादा हो रही है, लोगों के कोरोना को सीरियसली नही लेने के वजह से इसी बीच मदनपुर प्रखंड में एक विधवा महिला की मौत हो गई, |
अस्पताल ले जाते वक्त पीड़ित महिला ने तोड़ा था दम
इस घटना को और तफसील में जानने पर पता चला कि यह घटना मदनपुर प्रखंड के दक्षिणी उमगा पंचायत अंतर्गत पिपरगढी गांव की है। पिपरगढी गांव निवासी स्वर्गीय व्यास सिंह की 38 वर्षीय पत्नी मानती देवी की मौत अचानक मौत हो गई बाद में जब सैंपल चांज की गई तो पता चला कि कोरोना से मौत हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि, दो दिन पहले ही मानती देवी को सर्दी, खांसी और बुखार हुआ था। जिसका इलाज चंडीस्थान में कराया गया। इलाज होने पर वे बिल्कुल ठीक हो गई थी इलाज के बाद परिजन उसे घर ले गए। इसी बीच रविवार को अचानक उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी और उसकी तबियत ज्यादा खराब हो गई। ग्रामीण उसे बेहतर इलाज के लिए पीएचसी मदनपुर ले जाने लगे कि रास्ते में ही आखरी सांसे ली।
महिला की अचानक हुई मौत पर गांव में सन्नाटा सा पसर गया ऐसा भला क्यों न हो क्योंकि इलाज के बाद वे बिल्कुल तंदरुस्त हो गई थी फिर इसी बीच ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण का संदेह हुआ। इसकी सूचना पीएचसी मदनपुर को दी गई। जिसके बाद पीएचसी से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच की तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। महिला की कोरोना रिपोट पॉजिटिव सुनते ही गांव में भय का माहौल हो गया। उसके परिजन मानती देवी के शव को हाथ लगाने को तैयार नहीं थे। बाद में गांव वालों और स्वास्थ्यकर्मियों के लाख समझाने बुझाने के बाद बेटे ने पीपीई किट पहनकर मानती देवी का अंतिम संस्कार किया।
नन्हे मुन्ने बच्चों के लिए एकमात्र सहारा थी मृतक मानती देवी
मृतिका मानती देवी के दो लड़के और एक लड़की हैं। मानती देवी बेहद ही गरीब परिवार से आती थी। अपने बच्चों के लिए मृतिका ही एकमात्र सहारा थी। इसकी सूचना मिलते ही जिला पार्षद प्रतिनिधि मथुरा सिंह, पूर्व मुखिया उपेंद्र यादव, जाप नेता विजय कुमार, उप प्रमुख प्रतिनिधि सत्येंद्र यादव मौके पर पहुंचे और मृतिका के परिजनों को समझाया बुझाया । साथ ही ग्रामीण लोगों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
अगर बात की जाय जिले में कोरोना की हालचाल की तो बहुत हद तक कोरोना पर काबू पाये जाने के बाद सरकार ने लॉकडाउन में छूट देते हुए बुधवार से प्रदेश को अनलॉक किया है. अब व्यावसायिक प्रतिष्ठान पांच बजे शाम तक खुली रहेंगी. ऐसे में बाजार की रौनक भी लौटने की संभावना है. हालांकि संभावना है कि भीड़भाड़ होने की वजह से कोरोना के केस भी बढ़ सकते है.
वैसे अनलॉक के पूर्व औरंगाबाद में कोरोना के मामले में थोड़ी बढ़ोतरी भी दर्ज की गयी है. मंगलवार को 2278 लोगों की जांच में 12 व्यक्तियों कोरोना पॉजिटिव पाया गया. नीमा गांव में तीन मामले सामने आये,जबकि देव से एक, हरला से एक, दाउदनगर शहर से दो,ठाकुर बिगहा से एक, ओरा से एक,गैवाल बिगहा,बतसपुर और अयोध्या बिगहा से एक-एक मरीज पाये गये है. अब जिले में 75 केस एक्टिव है. स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम डॉ कुमार मनोज ने बताया कि कोरोना के प्रारंभ से अबतक जिले में सात लाख पांच हजार 992 लोगों की जांच की गयी, जिसमें 18 हजार 412 लोग पॉजिटिव पाये गये. इनमें 56 लोगों की मौत भी हुई.
सबसे बड़ी बात यह है कि बुधवार से बाजार में होने वाली भीड़ पर नियंत्रण नहीं रखा गया या लोग सरकारी गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे तो संभावना है कि कोरोना के मामले बढ़ेंगे.हालांकि जिस तरह से बाजार में भीड़ हो रही है उससे खतरे का अंदेशा भी है.मंगलवार को शहर में घंटों जाम का नजारा दिखा. रमेश चौक से धर्मशाला चौक तक जाम से लोग कराहते रहे.
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