कोरोना वायरस के कहर के बाद औरंगाबाद जिले में खुला सभी विद्यालय, छात्रों में खुशी
लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों में बच्चों की खिलखिलाहट गूंजी. सोमवार से प्राइमरी स्कूल भी खुल गये. स्वतंत्रता का जश्न (15 अगस्त) मनाने के बाद अब स्कूलों में संक्रमण से भी आजादी का नजारा दिखा और इसी के साथ बच्चों की चहलकदमी होने लगी. हालांकि हाइस्कूल पूर्व में खुल गये थे. अब सरकार द्वारा जारी निर्देश के आलोक में 16 अगस्त से सरकारी व निजी प्राइमरी व मिडिल स्कूल भी खोल दिये गये. कोरोना संक्रमण के कारण घरों में कैद बच्चे अब पूर्व की तरह स्कूल जाने लगे हैं. स्कूलों पूरी एहतियात बरती गयी और सुरक्षा का ख्याल रखा गया.
स्कूल प्रबंधन द्वारा क्लास रूम से लेकर पूरे परिसर को सैनिटाइज किया गया. वहीं बच्चों के लिए हैंड सैनिटाइज की भी व्यवस्था की गयी है. स्कूल प्रबंधन द्वारा सख्त हिदायत दी गयी कि सभी बच्चे मास्क पहनकर आयेंगे और सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य रूप से सभी को करना होगा. नारायणा मिशन स्कूल में बच्चों ने पहुंचते ही प्रणाम किया और फिर कक्षा में प्रवेश किया. विद्यालय के निदेशक वीरेंद्र कुमार, प्राचार्य एके सिन्हा सहित अन्य शिक्षकों ने गाइडलाइन के साथ बच्चों की पढ़ाई शुरू करायी. ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल में पहुंचने वाले बच्चों का फूल माला के साथ स्वागत किया गया.
निदेशक लक्ष्मीकांत सिंह ने सभी बच्चों को दूरी व मास्क का पाठ पढ़ाते हुए कक्षा में प्रवेश कराया. हॉली क्रॉस एकेडमी में विद्यार्थियों के बीच उत्साह का माहौल दिखा. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि बच्चों की मुरादें पूरी हो गयी. निदेशक विनय कुमार सिंह, प्रशासक जय कुमार सिंह ने सभी बच्चों से एहतियात बरतते हुए शिक्षा ग्रहण करने की बात कही. लक्ष्मी पब्लिक स्कूल ओबरा में बच्चों के बीच विद्यालय संचालन का जबरदस्त उत्साह दिखा. निदेशक अभिषेक कुमार ने एक-एक बच्चों पर निगरानी रखी और कहा कि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार कक्षा का संचालन कराया जायेगा. उन्होंने हमेशा मास्क पहनने और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने की अपील की.
स्कूल खुलने के बाद बच्चों में दिखा उत्साह
लंबे समय बाद स्कूल पहुंचने के बाद स्कूलों में उत्साह दिखा. कई बच्चे यह कहते सुने गये कि अब फिर से कोरोना का संक्रमण न बढ़े. इससे पढ़ाई प्रभावित हो जाती है, जो भविष्य के लिए ठीक नहीं है. छात्रा सिद्धिमा कुमारी ने स्कूल पहुंचते ही विक्ट्री दिखायी और कहा कि हम हर चुनौतियों से जीतेंगे. छात्र श्रेष्ठ कुमार ने कहा कि मुश्किल से मुश्किल दिनों का हम सभी सामना कर लेंगे. अब स्कूल खुला है, तो हम सभी पूरी तनमयता से पढ़ाई करेंगे. छात्र रोशन कुमार व आरव राज ने भी खुशी का इजहार किया. साथ ही कहा कि पूरी एहतियात बरतेंगे और कोरोना संक्रमण को फिर से बढ़ने से रोकेंगे.
कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद सोमवार से पहली कक्षा से विद्यालय का संचालन शुरू किया गया. सरकारी एवं निजी विद्यालयों में सरकार की गाइडलाइन के तहत विद्यालय में पठन-पाठन शुरू हुआ. विद्यालय खोलने को लेकर कई दिनों से तैयारी चल रही थी.स्कूल परिसर की साफ-सफाई करायी जा रही थी.सोमवार को विद्यालय खुलने के बाद कई स्कूलों में बच्चों का भव्य स्वागत किया गया. मिडिल स्कूल निरंजनपुर में प्रधानाध्यापक अविरेंद्र उपाध्याय के नेतृत्व में शिक्षकों ने बच्चों का तिलक लगाते हुए पुष्प वर्षा कर व फूल देकर स्वागत किया.
हेडमास्टर ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर आजाने से अप्रैल महीने से सरकारी निर्देश पर स्कूल बंद कर दिये गये थे. काफी दिनों से विद्यालय नहीं आने के कारण बच्चे स्कूल से दूर हो गये हैं. ऐसे में इन्हें विद्यालय से जोड़ने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है. शिक्षक सुनील कुमार मिश्र, मृदुला सिन्हा, कुमारी संध्या, ददन कुमार सरिता कुमारी आदि शिक्षकों ने बच्चों को स्वागत किया.इधर कन्या मध्य विद्यालय कुटुंबा को गुब्बारे आदि से सजाया गया. विद्यालय परिसर में रंगोली बनायी गयी.हेडमास्टर चंद्रशेखर प्रसाद साहु ने सभी बच्चों का तापमान भी मापा.इस क्रम में तीन छात्र-छात्राओं का तापमान 101 डिग्री से अधिक पाया गया, जिनके अभिभावकों को इलाज कराने के लिए सूचना दी गयी. इसी तरह उत्क्रमित हाई स्कूल चौखड़ा मिडिल स्कूल रसलपुर अंबा समेत सभी स्कूलों में भी बच्चों को कोविड-19 एहतियात के बारे में जानकारी देते हुए विद्यालय का संचालन शुरू किया गया. शिक्षकों ने प्रत्येक कार्य दिवस को 50 फीसदी बच्चे को विद्यालय आने की बात कही.
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