जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने शुक्रवार को समाहरणालय के सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक की. सबसे पहले डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त की तथा वस्तुस्थिति के आलोक में विभिन्न निर्देश दिये.
कोविड-19 टीकाकरण की अद्यतन स्थिति के अनुसार बताया गया कि अब तक कुल 1.67 लाख लोगों को पहला टीका तथा कुल 35 हजार 900 लोगों को दूसरा डोज लगाया गया है. इस क्रम में स्पष्ट हुआ कि 45 वर्ष से अधिक के लोगों द्वारा कोविड-19 का टीका लेने में दिलचस्पी नहीं ली जा रही है. इस क्रम में निर्देशित किया गया कि अधिक से अधिक लोगों को टीका लेने के लिए प्रेरित किया जाये. साथ ही निर्देश दिया गया कि प्रतिदिन के आंकड़ों को पोर्टल पर अपलोड कराया जाना सुनिश्चित किया जाये. कोविड-19 की जांच को बढ़ावा देने के साथ-साथ आरटी-पीसीआर लैब जल्द से जल्द प्रारंभ कराने को कहा गया.
अब शहरी क्षेत्रों में भी कोरोना टीकाकरण को गति दी जायेगी. इसके लिए शुक्रवार को टीका एक्सप्रेस रवाना की गयी. समाहरणालय परिसर से शुक्रवार को कोविड टीका एक्सप्रेस को डीएम सौरभ जोरवाल, एसपी सुधीर कुमार पोरिका, डीडीसी अंशुल कुमार व सीएस डॉ अकरम अली ने झंडी दिखा कर रवाना किया. कोविड एक्सप्रेस को रवाना करने के बाद डीएम ने कहा कि जिले में पहली लहर के बाद आयी दूसरी काफी खतरनाक साबित हुई.
कोविड-19 से सुरक्षा के लिए जारी टीकाकरण अभियान को गति देने के उद्देश्य से शहरी क्षेत्रों में घरों के पास ही वैक्सीन लगाने की व्यवस्था की जा रही है. 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग वालों को टीका दिलाने में इससे सहूलियत होगी. अब कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना बतायी जा रही है. ऐसे में कोविड की वैक्सीन ही कोरोना संक्रमण से जीवन को सुरक्षित करेगी. डीएम ने सभी लोगों से अनुरोध किया कि जिले में दौड़ रही कोविड टीका एक्सप्रेस व टीकाकरण केंद्र पर जाकर कोरोना का टीका जरूर लें. टीका से ही सभी लोगों का जीवन सुरक्षित रहेगा.
सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में 45 वर्ष से ऊपर के अलावा 18 वर्ष से ऊपर वाले लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड टीका रथ के माध्यम से लोगों को घर पर ही टीका देने का काम किया जा रहा है. इससे बुजुर्ग और दिव्यांग लोगों को टीका लेने में काफी सुविधा होगी. इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ निर्माला, डॉ कुमार महेंद्र प्रताप, डीपीएम कुमार मनोज, डीपीसी नागेंद्र केसरी, जिला लेखा प्रबंधक अश्विनी कुमार, केयर इंडिया के डीआरयू रितेश कुमार, यूनिसेफ के कमरान खान, डब्लूएचओ के वीरसेन, सदर पीएचसी प्रभारी डॉ श्याम व सीडीपीओ रागिनी कुमारी समेत मौजूद थे
टेलीमेडिसिन के जरिये मिले सुविधाः सुदूर क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन के माध्यम से लाभार्थियों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का निर्देश डीएम ने दिया. इसको लेकर निर्देश दिया गया कि सभी टेलीमेडिसिन संस्थानों को जल्द से जल्द प्रारंभ किया जाये. जिलाधिकारी द्वारा सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से बारी-बारी से स्वास्थ्य संस्थानों की समस्याओं के बारे में पूछा गया तथा तत्काल संबंधित पदाधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया. सदर अस्पताल औरंगाबाद के प्रसव वार्ड में शौचालय की व्यवस्था, सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, दाउदनगर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सदर प्रखंड (जम्होर), नवीनगर रेफरल अस्पताल, कुटुंबा रेफरल अस्पताल आदि में बॉउंड्रीवॉल का निर्माण कराने की प्रस्तावित योजना को गति प्रदान करने के लिए संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया गया. सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को संस्थानों में जलजमाव की समस्या पर ध्यान देने के लिए निर्देश दिया गया.
वहीं संस्थानों में चिकित्सकों की ड्यूटी रोस्टर के अनुसार सुनिश्चित कराने को कहा. मानव संसाधन की कमी से संबंधित को दूर करने के लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित होने वाले विभिन्न गतिविधियों को प्रारंभ कराने के लिए निर्देश दिया. इस क्रम में यह स्पष्ट किया गया कि कोरोना के साथ-साथ अन्य गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है. इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ अकरम अली, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ निर्मला, डीपीएम डॉ कुमार मनोज, सभी उपाधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ कुमार महेंद्र प्रताप, टीम लीडर डीआरयू रितेश कुमार, यूएनडीपी के पदाधिकारी अर्शी अली, यूनिसेफ के एसएमसी कामरान खान, जिला स्वास्थ समिति के जिला लेखा प्रबंधक अश्विनी कुमार, डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी उपलब्ध थें।
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