पंचायत चुनाव के 10वें चरण में नक्सल प्रभावित इलाके में जमकर बरसे वोट,देव में 70.46 और कुटुंबा में 69.51 हुई वोटिंग
वोट देने के लिए कतार में जनता / साभार सोसल मीडिया |
देव और कुटुंबा प्रखंड में बुधवार को शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न हो गया। देव में पंचायत चुनाव में 70.46 प्रतिशत मतदान हुआ। नक्सल प्रभावित इलाका में अभी तक सबसे ज्यादा मतदान का प्रतिशत देव में रहा। यहां 68.30 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने जबकि 72.88 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। कुल 70.46 प्रतिशत मतदान हुआ। कुटुंबा प्रखंड के 291 बूथों पर बुधवार को शांतिपूर्ण वातावरण में चुनाव संपन्न हुआ।
प्रखंड में औसतन 69.11 प्रतिशत वोटिंग हुई जिसमें महिलाओं के वोटिंग का प्रतिशत 48.54 तथा पुरुषों के वोटिंग का प्रतिशत 51.45 रहा। प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी चंद्रभूषण गुप्ता ने बताया कि कुल एक लाख 11 हजार 975 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जिसमें 54356 महिला तथा 57619 पुरुष वोटर शामिल हैं। अधिकांश मतदान केंद्रों पर वोटिंग का कार्य निर्धारित समय से शुरू हुआ पर कई बूथों पर कंट्रोल व बैलेट यूनिट में विलंब के चलते मतदान देर से शुरू हुआ। दधपा पंचायत के नरेंद्र खाप बूथ पर कंट्रोल यूनिट, चलंत बूथ रामपुर पर बैलेट यूनिट, भरौंधा बूथ पर बैलट यूनिट, डूंगरी पंचायत के महसू बूथ का दो बैलट यूनिट, डुमरी बूथ का बैलेट यूनिट, कर्मडीह बूथ का कंट्रोल यूनिट, करना बसंतपुर बूथ का बैलट यूनिट, बरियावां बूथ का कंट्रोल यूनिट, अंबा के बूथ संख्या 108 व 111 का कंट्रोल यूनिट, संडा पंचायत के बूथ संख्या 234 का कंट्रोल यूनिट, बूथ संख्या 218 का बैलेट यूनिट तथा बूथ संख्या 214 का कंट्रोल यूनिट गड़बड़ी के चलते बदला गया। इसके अलावा भी अन्य कई बूथों के कंट्रोल व बैलट यूनिट बदले जाने की सूचना है। चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने को लेकर सेक्टर अधिकारी, जोनल मजिस्ट्रेट व सुपर जोनल मजिस्ट्रेट लगातार गश्त लगाते रहे। प्रखंड के कई बूथों पर शाम के 3 बजे के बाद भी मतदाताओं की कतार लगी रही। कतार में लगे मतदाताओं की वोटिंग कराई गई। ऐसे बूथों में मतदान केंद्र संख्या 1, 2, 39, 80, 151, 147, 173, 175, 220 आदि शामिल है। रिसियप पंचायत के खेतपूरा और जगदीशपुर पंचायत के कठरी बूथ पर 4 बजे के बाद भी कुछ मतदाता लाइन में थे। इन दो बूथों पर देर तक मतदान होता रहा। निर्वाची पदाधिकारी समेत सहायक निर्वाची पदाधिकारी कंट्रोल रूम की कमान थामे रहे। बीच-बीच में जिले के वरीय अधिकारी भी पहुंचते रहे और स्थिति का जायजा लेते रहे। कंट्रोल रूम में सीओ अभय कुमार, बीसीओ सुशील कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अंजू कुमारी आदि तैनात थे। डीएम सौरभ जोरवाल ने बताया कि चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुआ है।
कई बूथों पर हुई छिटपुट झड़प
चुनाव के दौरान प्रखंड क्षेत्र के कई बूथों पर छिटपुट झड़प की सूचना है। जानकारी के अनुसार डुमरी पंचायत के महसु बूथ पर हंगामा हुआ। इधर बैरांव पंचायत के हीरा बिगहा बूथ से भी हंगामे की खबर है। हालांकि स्थिति को तत्काल नियंत्रित कर लिया गया और वोटिंग बाधित नहीं हुई। सुही में पुलिस के साथ ग्रामीणों की झड़प हुई। घुघी में दर्जनों ग्रामीण बूथ के अंदर घुस आए जिससे परेशानी हुई। रिसियप पंचायत के शिवन बिगहा बूथ पर भी झड़प हुई। इस क्रम में ग्रामीणों ने सड़क जाम करने का भी प्रयास किया। बूथों पर हुई झड़प से निपटने में प्रशासन सफल रही।
वृद्ध व दिव्यांग मतदाताओं में भी दिखा उत्साह की वोटिंग
पंचायत चुनाव में वोटिंग के लिए दिव्यांग मतदाता भी उत्साहित दिखे। कई ऐसे मतदाता भी केंद्र तक पहुंचे जो चल पाने में सक्षम नहीं थे। ऐसे मतदाताओं ने परिजनों का सहारा लिया। अंबा के मिडिल स्कूल मतदान केंद्र पर बुजुर्ग मतदाता जगदीश साव को उनके परिजन सहारा देकर मतदान केंद्र तक लाए और वोटिंग कराई। किसी तरह दधपा पंचायत के बेसिक स्कूल मतदान केंद्र पर देवरिया गांव के ललन ठाकुर को ट्राई साइकिल के जरिए मतदान केंद्र तक लाया गया और वोटिंग कराई गई। दधपा बूथ पर भी एक स्थानीय मतदाता बैसाखी के सहारे मतदान केंद्र पर पहुंचे और उनके परिजनों ने सहारा देकर उनसे वोटिंग कराई।
कमोवेश स्थिति अन्य मतदान केंद्रों पर भी देखी गई। कई बुजुर्ग मतदाताओं को परिजन सहारा देकर मतदान केंद्र तक लाए। वोटिंग कर ऐसे मतदाताओं में हर्ष देखा गया। एक साथ चार ईवीएम और दो बैलेट के जरिए विभिन्न पदों के लिए मतदान करने में उन्हें परेशानी भी हुई।
नक्सली प्रभावित देव में भी जमकर हुआ मतदान
सर्वाधिक नक्सल प्रभावित देव प्रखंड में बुधवार को पंचायत चुनाव में जमकर वोट पड़े। नक्सल प्रभावित दक्षिणी इलाके में लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सभी बूथों पर खासी भीड़ जुटी रही। कई मतदान केंद्रों पर तो सुबह से ही मतदाता पहुंच गए और अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान केंद्र संख्या 199, नकटी में सामुदायिक भवन में मतदान कराया जा रहा था।
यहां दोपहर एक बजे ही मतदाताओं की भीड़ समाप्त हो गई। यहां कुल 547 मतदाता थे जिसमें से 367 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग कर लिया था। पीठासीन पदाधिकारी अवनीश रंजन ने बताया कि सुबह में काफी भीड़ थी जिस वजह से मतदान अधिक हुआ है। अब काफी कम संख्या में लोग मत देने आएंगे। एक बजे सभी लोग खाना खाने के लिए चले गए क्योंकि एक भी मतदाता यहां मौजूद नहीं था। इसी तरह मतदान केंद्र संख्या 200, वकीलगंज पर भी मतदाता समय से मत देकर लौट गए थे। यहां कुल 624 मतदाता थे जिसमें से 428 लोगों ने मतदान कर दिया था। यहां 1:10 बजे गिनती के लोग मत देने के लिए मौजूद थे। पीठासीन पदाधिकारी शौर्य सुमन ने बताया कि सुबह में काफी भीड़ थी। 1:10 बजे तक 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हो चुका था। उन्होंने कहा कि यह प्रतिशत अभी बढ़ेगा। उत्क्रमित मध्य विद्यालय भटकुर, केंद्र संख्या 196 पर मतदाताओं की भीड़ लगी हुई थी। 1:02 बजे यहां काफी भीड़ जुटी हुई थी। महिला, पुरुष कतार में लगकर मतदान का इंतजार कर रहे थे।
सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले रहे अधिकारी
देव प्रखंड के नक्सल प्रभावित होने की वजह से अधिकारी चौकस रहे। सीआरपीएफ, एसएसबी और अन्य पैरामिलिट्री फोर्स को चुनाव में लगाया गया था। ज्यादातर मतदान केंद्रों पर बिहार पुलिस के जवान मौजूद थे वहीं केंद्रों का निरीक्षण और पेट्रोलिंग में सीआरपीएफ की टीम लगी हुई थी।
देव थानाध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय दल-बल के साथ भ्रमण कर रहे थे। इधर एएसपी अभियान शिवकुमार राव भी मतदान केंद्रों का निरीक्षण करते हुए दिखे। एसडीएम विजयंत और एसडीपीओ गौतम शरण ओमी भी देव और कुटुंबा के कई संवेदनशील बूथों का जायजा लिया। नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों में शामिल गुजराया, गंजोई, ढाबी, पड़रिया, केताकी, गोल्हा, वकीलगंज, बेढनी आदि मतदान केंद्रों का अधिकारियों ने निरीक्षण किया।
थानाध्यक्ष बाइक से ही पेट्रोलिंग पर निकले रहे। लैंडमाइंस की आशंका को लेकर सुरक्षा बलों ने विशेष चौकसी बरती और बाइक से ही ज्यादातर जगह पर पेट्रोलिंग होती रही। पूर्व में इन इलाकों में नक्सलियों का काफी प्रभाव रहा है और कई घटनाएं भी घटी हैं जिसकी वजह से पुलिस टीम सतर्क दिखी। थानाध्यक्ष के अलावा अन्य वरीय अधिकारी भी मतदान केंद्रों का निरीक्षण करते हुए दिखे।
आंख की रोशनी गई लेकिन कम नहीं हुआ जज्बा
कुछ साल पहले आंखों की रोशनी चली गई और सामान्य काम करने में भी परेशानी होने लगी। इसके बावजूद मत देने का जज्बा कम नहीं हुआ। देव प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय भटकुर मतदान केंद्र संख्या 196 पर 70 वर्षीय किशोरी पाल अपने भतीजे के साथ मतदान करने पहुंचे थे।
उनका भतीजा अमर पाल उन्हें सहारा देकर मतदान केंद्र पर लेकर पहुंचा था। लाठी पकड़े किशोरी पाल मतदान केंद्र के अंदर गए। यहां उन्होंने अपनी पसंद बताई और उनके भतीजे ने बटन दबाया। मतदान देकर बाहर निकलने के बाद किशोरी पाल ने कहा कि करीब दो सालों से उन्हें आंखों से दिखाई नहीं दे रहा है। दोनों आंखों में पूर्व में समस्या थी। उन्होंने इलाज कराया लेकिन लाभ नहीं हुआ और धीरे-धीरे आंखों की रोशनी चली गई। पंचायत चुनाव होने की जानकारी उन्हें पहले से थी। वह अपने भतीजे के साथ यहां मत देने पहुंचे हुए थे। उन्होंने अपने मत का प्रयोग किया है। भतीजा अमर पाल ने बताया कि उसके चाचा को दिखाई नहीं देता है इसलिए वह उन्हें लेकर मतदान कराने आया था। इसी तरह राजकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय केताकी में बूथ नंबर 178 पर 85 वर्षीय सरयू राम मतदान करने पहुंचे थे। वे भी अपने घर के सदस्य के साथ यहां मत देने आए थे। चलने में असमर्थ होने की वजह से वॉकर पकड़ कर यहां पहुंचे थे। मतदान केंद्र पर मौजूद दारोगा विपिन बिहारी सिंह ने उनकी सहायता की और उन्हें मतदान केंद्र के अंदर पहुंचाया। यहां मतदाताओं की कतार लगी हुई थी। शारीरिक समस्या को देखते हुए दारोगा ने पीठासीन पदाधिकारी से वृद्ध को मत दिलाने के लिए आगे ले जाने की बात कही। इसके बाद कर्मियों ने उनकी सहायता की। वृद्ध को अंदर ले जाया गया और मत दिलाने के बाद वे अपने परिवार के सदस्य के साथ निकल गए। दारोगा ने कहा कि ऐसे लोगों की मतदान केंद्र पर सहायता की जा रही है ताकि वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। कई लोग शारीरिक रूप से सक्षम नहीं हैं जिस वजह से उनकी सहायता कर मतदान कराया जा रहा है।
बूथ पर चुनाव सामग्री लेकर जा रही सूमो गाड़ी पलटी
कुटुंबा प्रखंड के वर्मा पंचायत के बूथ संख्या 161 पर चुनाव की सामग्री लेकर जा रही सूमो गाड़ी रामपुर खैरा गांव के समीप पलट गई। गाड़ी खाई में चली गई पर यह संयोग रहा कि किसी को गहरी चोट नहीं आई। जानकारी के अनुसार बूथ की कोई मशीन खराब हो गई थी।
इसकी सूचना मिलने पर दूसरा मशीन लेकर उक्त गाड़ी से कर्मी जा रहे थे। गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को दी गई। पुन: मशीन वैकल्पिक व्यवस्था के जरिए बूथ तक भेजा गया। बाद में जेसीबी मशीन के जरिए सूमो को बाहर निकाला गया।
ग्रामीणों ने बताया कि यह रास्ता बेहद खराब है। अक्सर इस पथ पर दुर्घटना होती है। प्रतिनिधियों का ध्यान इस बात की ओर आकृष्ट कराया गया पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने एक बार फिर पथ के जीर्णोद्धार की मांग की है।
पंचायत चुनाव संपन्न होने पर प्रशासन ने जताया आभार
औरंगाबाद जिले में दसवें एवं अंतिम चरण का मतदान कार्य सफलता पूर्वक संपन्न कराया जा चुका है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल ने पंचायत आम निर्वाचन में लगे लगभग सभी 20 हजार कर्मियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
डीएम ने बताया कि इस बार का पंचायत चुनाव पहली बार ईवीएम से कराया जा रहा था। इस कार्य में सभी मतदान कर्मी यथा निर्वाची पदाधिकारी, सहायक निर्वाची पदाधिकारी, पीठासीन पदाधिकारी, सेक्टर पदाधिकारी, जोनल एवं सुपर जोनल एवं पुलिस पदाधिकारी सहित अन्य कर्मी सम्मिलित रहे जिनके सहयोग से यह कार्य शांति पूर्ण एवं निष्पक्ष तरीके से संपन्न हुआ है। डीएम ने बताया कि पंचायत चुनाव के दौरान मतगणना के लिए पहली बार ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन(ओसीआर) तकनीक का जिला में इस्तेमाल किया गया। इसके अतिरिक्त मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की पहचान हेतु बायोमिट्रिक का प्रयोग किया गया।
पीसीसीपी दल एवं पीठासीन पदाधिकारी के बीच समन्वय स्थापित करने एवं ईवीएम स्टेटस की जानकारी हेतु ऐप के माध्यम से इसकी मॉनिटरिंग की गई। डीएम ने बताया कि इन सभी तकनीकी साधनों के इस्तेमाल एवं समस्त पदाधिकारियों एवं कर्मियों के अथक प्रयास से यह चुनाव एक मील का पत्थर साबित हुआ है। इसके लिए सभी पदाधिकारी एवं कर्मी बधाई के पात्र हैं।
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