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बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान, जगह जगह बारिश का पानी जमा, कनकनी बढ़ने की संभावना

 

ठंड में बारिश

मौसम की बेरुखी से लोग बेहाल हैं. जिले में पिछले 26 घंटे में मौसम विभाग के मुताबिक 15 मिलीमीटर बारिश हुई है. कभी पछुआ व कभी पूर्वा हवा ने कनकनी और बढ़ा दी है. ठंड बढ़ जाने से आम जनजीवन बेहाल होकर रह गया है. बारिश के कारण शहर की सड़कें कीचड़ से सन गयी हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार की सुबह साढ़े आठ बजे से रविवार की सुबह साढ़े आठ बजे तक नौ मिलीमीटर व सुबह साढ़े बजे के बाद से रात करीब आठ बजे तक छह मिलीमीटर बारिश रेकॉर्ड किया गया. रविवार को न्यूनतम पारा 16.2 डिग्री व अधिकतम 24.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि शनिवार को न्यूनतम 7.5 डिग्री व अधिकतम 24.0 डिग्री सेल्सियस रहा था.

रविवार को सुबह की आर्द्रता 94 प्रतिशत, जबकि शाम की आर्द्रता 58 प्रतिशत रही. मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक अभी अगले तीन दिनों तक मौसम के इसी तरह बने रहने की संभावना जतायी गयी है. बीच-बीच में मौसम खुलेगा. इससे नमी बनी रहेगी और पारा के लुढ़कने के साथ ठिठुरन और बढ़ने की संभावना जतायी गयी है. बारिश हो जाने से शहर की सड़कों के कीचड़ से सने होने के कारण उन पर पैदल चलना दूभर हो गया है. उधर, बेशुमार पड़ रही सर्दी से जनजीवन बेहाल है.


पिछले एक पखवारे में दो-तीन बार लगातार मुसलधार बारिश व ओलावृष्टि से खेत-खलिहान में धान के बोझे को काफी नुकसान पहुंचा है. इसके साथ गेहूं की बुआई भी कुछ खेतों में नहीं हो पायी. इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के फसल वैज्ञानिक डॉक्टर देवेंद्र मंडल ने बताया कि किसान गेहूं की फसल की जगह पर मक्के की फसल का उत्पादन करें.उन्होंने बताया कि वर्षा होने से सिंचाई की गयी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है. किसान गेहूं फसल को पीला पड़ने से रोकने के लिए एक एकड़ में 10 किलोग्राम सल्फर का छिड़काव करें.

 इसके साथ आलू फसल को झुलसा रोग से बचाने को लेकर एक सप्ताह के अंदर दो बार फफूंद नाशक मैनकोज़ेब 45 दवा का छिड़काव करें. एक एमएल पानी में दो ग्राम मैनकोजेब दवा का घोल बनाकर आलू फसल पर छिड़काव करें.इसके साथ दलहनी एवं तेलहनी फसलों में लाही व पाला से रोकथाम के लिए एक मिलीलीटर पानी में एक मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड नामक कीटनाशक दवा के साथ मैनकोज़ेब 45 नामक दवा का घोल बनाकर छिड़काव करें.इससे फसल को नुकसान होने से बचाया जा सकता है. 

डॉक्टर देवेंद्र मंडल ने बताया कि अगर किसान रबी फसल की बुआई किसी कारण से नहीं किये हैं, तो खेत की तैयारी कर फरवरी के अंतिम सप्ताह में गरमा सब्जी की खेती कर अधिक लाभ पा सकते हैं.इधर वरीय वैज्ञानिक डॉक्टर गोविंद कुमार ने बताया कि किसान आलू की फसल पर झुलसा रोग से नियंत्रण को लेकर हमेशा फफूंद नाशक दवाओं का प्रयोग बदल बदल कर करें.इससे पौधों पर कवकनाशी फफूंद रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है. उन्होंने किसानों को सलाह दी कि अगर आप अपने आलू एवं सरसों की फसल पर मैनकोज़ेब एम 45 नामक दवा की घोल बनाकर स्प्रे किये, तो अगले सप्ताह में आप क्रिलैक्सिलया मेटैलेक्सिल एवं रिडोमिल नमक दवाओं को बदल-बदल कर आलू फसल पर स्प्रे करते रहे.


जो किसान गेहूं की फसल की सिंचाई कर चुके है. वर्षा के कारण उनके क्षेत्रों में जलजमाव है. तो सबसे पहले पानी की निकासी प्रबंधन करें. इसके साथ गेहूं की फसल पर पौधा पीला पड़ने या हरदा रोग से रोकथाम के लिए जो ग्राम काबेंडाजिम एवं दो ग्राम मैनकोज़ेब एम 45 नामक दवा को प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर गेहूं की फसल का छिड़काव कर दें. इससे गेहूं में हरदा रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है. बरसात से फूल लगने वाली फसल सरसों, मसूर, अरहर व मटर को नुकसान पहुंचायेगी.


वहीं लगातार हो रही बारिश से ईंट भट्ठा संचालकों को काफी क्षति का सामना करना पड़ रहा है.हमजापुर निवासी ईंट भट्ठा संचालक वकील खान और मोख्तार खान आदि ने बताया कि बेमौसम पानी होने से ईंट भट्ठा संचालकों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. इससे संचालकों में बेचैनी पायी जा रही है. वकील खान ने बताया कि आमस प्रखंड क्षेत्र में एबीसी, राना, एनएस, जेके, भारत और मानव आदि नाम से संचालित ईंट भट्ठों के संचालक शनिवार की रात और रविवार को हुई बारिश से काफी परेशान हैं. पथाई की गयी लाखों लाख ईंट बर्बाद हो गयीं.

वही सर्द मौसम में बारिश हो जाने के बाद शहर सहति पूरे जिले में लगातार बढ़ रही कनकनी से घरों में बिजली की खपत बढ़ गयी है. ठंड से बचाव के लिए लोग गीजर, रूम हीटर व ब्लोअर का उपयोग कर रहे हैं. इससे जिले में बिजली खपत का ग्राफ भी पिछले चार दिनों में प्रतिदिन औसतन 15 मेगावाट बढ़ गया है. चंदौती पावर ग्रिड के सहायक अभियंता मो आफताब आलम ने बताया कि सामान्य ठंड के मौसम में जहां बिजली की खपत औसतन प्रतिदिन 50 मेगावाट हो रही थी, वह अब बढ़ कर 65 मेगा वाट तक पहुंच गयी है.

 दूसरी तरफ कनकनी बढ़ने से गीजर, रूम हीटर, ब्लोअर सहित ठंड से जुड़े अन्य बिजली चालित उत्पादों के कारोबार में भी दिन-प्रतिदिन तेजी हो रही है. साथ ही गर्म कपड़ों के कारोबार में भी उछाल आ गया है. शहर के जीबी रोड, केपी रोड सहित गर्म कपड़ों के मुख्य व्यवसायिक क्षेत्रों में स्थित अधिकतर दुकानों में ग्राहकों की आवाजाही होती रहती है. इन दुकानों से अधिकतर ग्राहकों द्वारा जरूरतों से जुड़ी गर्म कपड़े की खरीदारी भी की जाती है. यही स्थिति जाड़े में उपयोग में आने वाली बिजली चालित उत्पादों की दुकानों पर थी. केपी रोड, प्लाजा मार्केट, शहीद रोड व शहर के अन्य क्षेत्रों में स्थित रूम हीटर, गीजर, व , ब्लोअर की दुकानों पर भी इन सामानों के कारोबार में उछाल आया है. ठंड से . बचाव के लिए काफी लोगों ने बिजली उपकरणों की खरीदारी की.


वहीं गर्म कपड़ों के कारोबारी निशांत अग्रवाल व डीके जैन ने राइजिंग मगध से कहा कि आखिरी में ठंड पड़ने से कारोबार में तो तेजी आयी है, पर बीते वर्ष की ठंड की तुलना में इस बार कारोबार 50 प्रतिशत तक प्रभावित हुआ है. यदि यही ठंड शुरुआत से रहती, तो कारोबार काफी होता. कुछ इसी तरह की बातें रूम हीटर, गीजर, ब्लोअर व अन्य बिजली उत्पादों के कारोबारी पाले दाहूजा ने कही. उन्होंने कहा कि ठंड काफी लेट से पड़ने से काफी सामान डंप हो गया.


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