शान्ति और हर्सोल्लास के साथ विजयदशमी का पावन पर्व प्रेम,भाईचारा और बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया गया
Dussehra puja |
जिले में में विजयदशमी का पावन पर्व प्रेम,भाईचारा और बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया गया. पर्व पर चारोओर हर्ष व उल्लास का माहौल कायम रहा. जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में माता के जयकारे के साथ मंदिर वपूजा पंडाल गूंजते रहे. सभी जगहों पर भक्तिमय वातावरण बना रहा. पर्व पर जिला प्रशासन भी काफी सख्त रहा. मेला घूमने आने वाले विशेष कर किशोर व युवाओं पर प्रशासन की कड़ी नजर रही. हालांकि इन सबके बावजूद एक युवती के साथ ब्लेडमारी की घटना हुई, जिसके बाद प्रशासन और सख्त हो गया तथा मेला घूमने आये लंपटों पर उनकी नजर टेढ़ी हो गयी. प्रशासन के सख्ती के बीच विजयादशमी का त्योहार प्रेम व सद्भाव के साथ संपन्न हुआ.
पर्व पर चौकस रहा प्रशासन, नहीं हुई कोई बड़ी घटना
पर्व पर प्रशासन पूरी तरह से चौकस रहा. सभी प्रमुख पूजा पंडालों में बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किये गये हैं. साथ ही जिले के आला अधिकारी भी घूम-घूम कर हालात पर नजर रखे हुए थे. सादे लिवास में भी बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों में को अलग-अलग स्थानों पर तैनात कराया गया था ताकि लंपटों एवं हुड़दंगियों पर नजर रखा जा सके. वहीं सीसीटीवी से भी ऐसे अवांछित तत्वों पर नजर रखा जा रहा था. हालांकि इन सबके बावजूद शुक्रवार की रात करीब 11 बजे नाका नंबर एक के समीप एक युवती के साथ ब्लेडमारी की घटना हुई. बाइक सवार युवकों द्वारा ब्लेडमारी की घटना की गयी. घटना के बाद बाइक सवार युवक भागने में सफल रहे. सदर अस्पताल में युवती के इलाज के बाद उसे घर भेज दिया गया. घायल युवती ऊंटा मुहल्ले की ही रहने वाली बतायी जाती है.
प्रतिमाओं का किया गया विसर्जन
प्रशासन के सख्त पहरे के बीच प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट से ही प्रतिमाओं को ले जाया गया तथा श्याम घाट के समीप प्रतिमाओं का विजर्सन हुआ. प्रशासन द्वारा जो मार्ग चिह्नित किया गया था उन मार्गों में पुलिस का कड़ा पहरा था. साथ ही पुलिस के वरीय अधिकारी भी घूम-घूम कर नजर बनाये हुए थे. देर शाम तक प्रतिमाओं का विजर्सन होता रहा.
बाजे-गाजे के साथ मां दुर्गा को दी गयी - अंतिम विदाई :
रतनी प्रखंड क्षेत्र में बाजे-गाजे के साथ मां दुर्गा को अंतिम विदाई दी गई. आयोजन कमेटी के लोगों द्वारा नदी तट पर मां दुर्गा के प्रतिमा को विसर्जन किया गया. दोपहर से ही विसर्जन का कार्य शुरू हुआ वह देर रात तक चलते रहा. प्रतिमा विसर्जन के पूर्व आयोजन समिति के लोगों ने मां दुर्गा के प्रतिमा को पूरे नगर व गांव का भ्रमण करवाया. उसके बाद नदी तट पहुंचे जहां मां के प्रतिमा को आरती मंगल कर अंतिम विदाई दी गयी तथा इसके बाद नदी तालाबों में प्रतिमा का विसर्जन किया गया. मां के भक्तों ने बैंडबाजों की धुन पर झूमते हुए नदी तट तक पहुंचे जहां आरती मंगल के बाद प्रसाद का वितरण किया गया. मालूम हो कि परसविगहा व शकुराबाद थाना क्षेत्र के 24 जगहों पर मां दुर्गा के प्रतिमा स्थापित किया गया था. पंडाल से मां दुर्गा की प्रतिमा उठते ही शहरी व ग्रामीण इलाकों में सन्नाटा पसरा रहा. इसके अलावे मखदुमपुर, घोसी,मोदनगंज सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में भी दुर्गापूजा हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया.
दशमी की भीड़ देख खिले दुकानदारों के चेहरे
नवरात्रि और महानवमी तक उम्मीद के अनुसार भीड़ नहीं होते देख दुकानदारों को निराशा हो रही थी. शहर के पूजा पंडालों और सड़कों पर पिछले वर्षों की अपेखा मात्र एकचौथाई भीड़ ही नजर आ रही थी. रात 10 बजे तक गुरुवार महानवमी को पूजा पंडालों और सड़कों पर सन्नाटा छा गया था. चाट, चाउमिन के ठेलों को छोड़ दे तो खिलौनों तथा अन्य वस्तुओं की दुकानें लगाये लोगों की बिक्री बहुत कम हुई थीं लेकिन दशमी के दोपहर से ही गांव और शहर की उमड़ती भीड़ ने फीके पड़ते दशहरे मेले ने रौनक ला दी. सभी दुकानों पर भीड़ दिखने लगी. गुब्बारे हो या खिलौनों की दुकानें या फेरी वाले बांसुरी की दुकानें. सभी की बिक्री ठीक-ठाक रही. हालांकि पिछले कई सालों से दशहरे में दुकान लगा रहे लोगों का कहना था कि व्यवसाय पहले के मेलों से कम रहा लेकिन फिर भी दशमी का मेला लाभ देकर गया जिससे कुछ महीनों का खर्चा निकल गया.
प्रशासन ने बदला मूर्ति विसर्जन के स्थल
नवरात्रि और दशहरे को निर्विघ्न संपन्न कराने तथा मूर्ति विसर्जन के लिए पूजा समितियों के लोगों तथा जिला प्रशासन की पूर्व हुई बैठकों में विसर्जन स्थल कृषि फार्म के समीप कृत्रिम तालाब निश्चित किया गया था, लेकिन उक्त स्थल पर साफ-सफाई और तालाब बनाने की धीमी तैयारियों को देखते हुए पूजा समितियों ने प्रशासन के समक्ष आपत्ति जतायी तथा विसर्जन स्थल बदलने की बात कही. प्रशासन को अपने रूख पलटता देख पूजा समितियों की आपत्ति आक्रोश में बदलने लगी. इस संबंध में दुर्गा पूजा समन्वय समिति के अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज तथा सचिव विजय सत्कार ने बताया कि पूर्व निर्धारित कृषि फार्म के समीप विसर्जन स्थल पर आसपास के कई मुहल्लों का सिवरेज गिरता है जिसे लेकर दुर्गापूजा समितियों द्वारा विसर्जन स्थल बदलने की मांग की गयी थी. स्थल को न बदलता देख कर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रगट किया गया. पूजा समितियों की सहमति के बाद लोकनगर के समीप दरधा नदी के किनारे श्याम घाट पर बने कृत्रिम तालाब में मूर्तियों का विसर्जन पारंपरिक तरीके से किया गया.
दशमी के आधी रात के बाद ही खुलने लगे पंडाल
पूजा समितियों और प्रशासन के पूर्व सम्मिलित निर्णय के अनुसार रात एक बजे से ही पूजा पंडाल खुलने लगे. सड़कों पर लगी लाइटें और वंदनवार को डेकोरेशन के लोगों द्वारा हटाया जाने लगा. दूर्गापूजा समन्वयक समिति के मुकेश भारद्वाज और सोहन प्रसाद कक्कू समेत कई लोग घूम-घूम कर पूजा समितियों से ससमय विसर्जन की तैयारी करने के लिए आग्रह करते दिखे. वहीं शुक्रवार को रात 12 बजे के बाद ही पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी तथा घूम रहे लोगों से पूछताछ और रोक-टोक करते हुए वापस घर जाने की सलाह दी. शहर की सड़कें खाली हो गयीं और ऐसा कई वर्षों के बाद हुआ कि दशहरे में मूर्ति देखने निकलने के लिए गये लोग आधी रात के बाद ही घर लौट गये और सन्नाटा छाया रहा.
बात की जाए अरवल जिले की तो यहां भी नौ दिनों से चल रहे दुर्गा पूजा महोत्स्व हर्ष व उल्लास के साथ संपन्न हो गया. नौ दिनों से चल रहा दुर्गा पूजा के दौरान पूरे जिला में शांति पूर्ण वातावरण में सद्भाव के साथ संपन्न हुआ. सात अक्तूबर को जिला के सभी पूजा पंडालों में कलश स्थापना किया गया था. उसके बाद पांच 12 अक्तूबर को महासप्तमी के दिन पूजा पंडालों का पट आम लोगों के दर्शन के लिए खोल दिया गया था. सभी पूजा पंडालों में पुलिस बल की व्यवस्था की गयी थी.
पंडालों में विराजमान सभी प्रतिमाओं का किया गया विसर्जन
दुर्गा पूजा के बाद पंडालों में स्थापित सभी प्रतिमाओं का विसर्जन शनिवार को कर दिया गया. इससे पहले माँ का खोइछा भरा गया. दूब, हल्दी, अरवा चावल और पैसा तथा श्रृंगार के समानो के साथ मां का भावपूर्ण विदाई दिया गया. दुर्गा पूजा विसर्जन जुलुस में विदाई गीत बज रहा था. हमनी के छोड़ी के नगरिया नू हो कहवां जइबू ये माई, जब तू हमसे अचरा छुड़ाई के चली जइबू त कैसे जियब ये माई... , सोने के महलिया ये मईया टूटी फूटी हो जईहे आदि गीत लोगों को आंख में सहज ही आंसू ला दे रहे थे. प्रतिमाओं के विसर्जन शोभा यात्रा में स्थानीय विधायक महानंद सिंह भी शामिल हुए तथा अनुमंडल पदाधिकारी दुर्गेश कुमार के साथ घाटों का निरीक्षण किया.
एसपी ने सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा
प्रतिमा विसर्जन के दौरान जहां सुरक्षा का पुख्ता व्यवस्था था. वहीं पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रौशन कुमार ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. पूजा के बाद सभी पूजा पंडालों के प्रतिमाओं का विसर्जन सोन नदी में किया गया. विसर्जन के दौरान भारी संख्या में सुरक्षा का व्यवस्था किया गया था. शहर के सभी गली, चौक, चौराहों पर सुरक्षा का भारी इंतजाम किया गया था. करपी प्रतिनिधि के अनुसार करपी व वंशी प्रखंडों में शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा की आराधना का महापर्व दुर्गा पूजा शांतिपूर्वक संपन्न हो गया. करपी प्रखंड के बस स्टैंड,जगदेव चौक, बाजार एवं आनंद बाग के अतिरिक्त खजूरी, इमामगंज, शांतिपुरम एवं किंजर में देवी दुर्गा की आकर्षक प्रतिमा स्थापित की गयी. प्रतिमाओं का बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा पूजा अर्चना की गई. दुर्गा पूजा के दिन सभी पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. पूजा पंडालों के आसपास मेले जैसा दृश्य देखा गया. इसके अलावे कुर्था, कलेर, किंजर, वंशी सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में भी दुर्गापूजा हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया.
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