अन्य भाषाओं को भी जाने, पर हिंदी हमारी मातृभाषा, हिंदी दिवस पर कई जगहों पर की गई कार्यक्रम आयोजित
हिंदी दिवस के अवसर पर अनुमंडल कार्यालय सभाकक्ष में अनुमंडल प्रशासन के सौजन्य से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला गया. संगोष्ठी की अध्यक्षता एसडीओ कुमारी अनुपम सिंह और संचालन अपर एसडीओ प्रियव्रत रंजन ने किया. अपने संबोधन में एसडीओ ने कहा कि अपनी मातृभाषा पर हमें गर्व है. हमें कोशिश करनी चाहिए की बोलने और लिखने में हिंदी का ही प्रयोग करें. आज वैश्वीकरण के युग में जरूरत है कि अधिक से अधिक भाषाओं पर हमारी पकड़ हो. लेकिन हमें अपना मात्र भाषा का भी सम्मान करना चाहिए. डीसीएलआर संजय कुमार ने कहा की हमारी संस्कृति समृद्ध है. उन्होंने हिंदी के लेखकों और कवियों के हिंदी के विकास में योगदान की भूमिका पर प्रकाश डाला. अपर एसडीओ ने कहा कि हिंदी में बोलचाल गौरवान्वित करने का अवसर देती है. अवर निर्वाचन पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने कहा कि दुनिया के सर्वाधिक बोलचाल की भाषा हमारी हिंदी भाषा है, जिस पर हमें गर्व होना चाहिए.
हिंदी दिवस पर कई जगह विशेष रूप से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए थे इसी तरह एक और कार्यक्र मशहर के संस्कृत महाविद्यालय परिसर में जनेश्वर विकास केंद्र व जन विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी सप्ताह समापन कार्यक्रम के तहत हिंदी दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया. जिसकी अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य सूर्यपत सिंह ने की. विचार गोष्ठी में वैश्वीकरण स्वरूप की ओर अग्रसर हिंदी विषय पर चर्चा की गयी. कार्यक्रम का संचालन सिन्हा कॉलेज के प्रोफेसर डॉ संजीव रंजन ने किया. विषय प्रवेश शिक्षक उज्ज्वल रंजन और स्वागत समाजसेवी रामजी सिंह ने किया. उन्होंने ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में हिंदी का स्वरूप विश्व स्तर पर हो चुका है. आज हिंदी भाषा पढ़ने वालों की संख्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ गयी है. पूरे विश्व में विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है.
वही सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालय में प्रबंधन विभाग एवं हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया. अध्यक्षता प्राचार्य डॉ वेद प्रकाश चतुर्वेदी ने की.वैसे प्राचार्य के साथ महाविद्यालय के उप-प्राचार्य डॉ एसएम कासिम, भूगोल विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ रामाधार सिंह ने कार्यक्रम की शुरुआत दीप जला कर की. इसके बाद छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत की गयी. हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापिका डॉ अमृता कुमारी ने हिंदी दिवस पर प्रकाश डालते हुए इतिहास पर चर्चा की.डॉ रामाधार सिंह ने प्राचार्य डॉ वेद प्रकाश चतुर्वेदी द्वारा रचित एक 'एकांकी' का उल्लेख किया एवं एक हिंदी है द्रौपदी शीर्षक नामक कविता प्रस्तुत की.इसके बाद उप-प्राचार्य डॉ एस एम कासिम ने हिंदी दिवस समारोह पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यदि हिंदी पिछड़ गई तो अन्य भाषाएं (उर्दू,भोजपुरी, फारसी) भी पिछड़ जायेंगी. उन्होंने अमीर खुसरो की कुछ पंक्तियों की भी चर्चा की. प्राचार्य डॉ चतुर्वेदी ने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लिखा जाये तो शुद्ध लिखा जाए, क्योंकि यदि गलत लिखेंगे, पढ़ेंगे तो इसका संदेश गलत जाता है.हम अपने बौद्धिक जीवन में ज्यादा से ज्यादा हिंदी का प्रयोग करें
ऐसा ही कार्यक्रम नवीनगर अनुग्रह नारायण स्मारक महाविद्यालय में राष्ट्रीय कैडेट कोर द्वारा विश्व हिंदी दिवस पर आयोजन किया गया. इस दौरान डॉ मदन रजक के नेतृत्व में कैडेट्स ने शिक्षकों व कर्मचारियों ने हिंदी के शुद्ध प्रयोग करने, निरक्षर लोगों को लिपि का ज्ञान कराने व अन्य भाषाओं में उपलब्ध ज्ञान से हिंदी भाषियों को समृद्ध कराने की शपथ ग्रहण की. अक्षय जैन ने एनसीसी कैडेट्स को गूगल हिंदी इनपुट जैसे टाइपिंग के माध्यमों का प्रशिक्षण दिया और हिंदी साहित्य के सुलभ अध्ययन के लिए उपलब्ध वेबसाइट व वीडियो की भी जानकारी दी
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