बिहार के औरंगाबाद और नवादा जिले में हुई भारी ओलावृष्टि से किसानों का हुआ भारी नुकसान
भारी बर्फबारी से बर्बाद फसल |
जिले के कुटुंबा, नवीनगर, देव और मदनपुर प्रखंड में बुधवार की शाम हुई ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. सभी फसलें नष्ट हो गयीं. किसानों की सारी मेहनत विफल हो गयी. इस घटना से किसानों के चेहरे उतर गये हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि सब कुछ गंवा दिया हो. सभी एक ही बात कह रहे हैं. सब चौपट हो गया साहब, कहें तो किससे कहें.
हैरत की बात तो यह है कि एक ही पंचायत के कुछ गांवों में जम कर ओलावृष्टि हुई, बगल के गांवों में मामूली असर रहा. किसानों पर प्रकृति की मार कोई नयी बात नहीं है, लेकिन इतनी अधिक क्षति का अंदाजा किसानों को बिल्कुल नहीं था. इधर लगातार हो रही बे-मौसम बारिश, चक्रवाती तूफान व प्राकृतिक आपदाओं की मार से किसान पहले से ही मुश्किलों के दौर से गुजर रहे थे. जानकारी के अनुसार कुटुंबा प्रखंड के जगदीशपुर के बेदौलिया, चितांवन बिगहा, दसवत बिगहा, शेखपुरा, चकुआ, ओर, दीपन परसांवा, चपरा, पवईया, घेउरा पंचायत के चंद्रपुरा,सड़ीहा, सिमरा, घेउरा, नोनिया बिगहा, धनु बिगहा, अंबा पंचायत के चिल्हकी बिगहा समेत बैरांव, डुमरी, दधपा समेत आसपास के पंचायत के दर्जनों गांव में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
जिन गांव में ओलावृष्टि हुई है वहां खेतों में लगे रबी फसल पूरी तरह नष्ट हो गयी हैं. इसके साथ ही खलिहान में रखे धान के बोझे भी सड़ने के कगार पर हैं. यदि एक-दो दिनों में तरह से धूप नहीं निकलती, तो खलिहान में रखा धान अंकुरित हो जायेगा.
खेत मे ओलावृष्टि |
वहीं मदनपुर प्रखंड क्षेत्र में बुधवार की शाम हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है .एक आकलन के मुताबिक क्षेत्र के पड़रिया और पहरचापी में सबसे अधिक नुकसान हुआ है. क्षेत्रीय किसानों ने सरकार से क्षति आकलन कराकर मुआवजे की मांग की है. ज्ञात हो कि बुधवार की शाम बारिश के साथ ओले भी पड़े थे इस कारण कई जगह सब्जी की खेती को नुकसान पहुंचा है.
क्षेत्रीय सब्जी उत्पादक किसान पड़रिया गांव निवासी विजय महतो,राकेश वर्मा ,रामनंदन महतो,कुंदन प्रसाद,प्रमोद यादव, शंकर यादव, शिवपूजन वर्मा, रौशन पासवान, प्रयाग वर्मा ,उमेश महतो ,ब्रह्मदेव महतो, चंद्रशेखर प्रसाद,रीना देवी,लखन महतो, दिलीप सिंह आदि किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि और बारिश के कारण हरी मिर्च, भिंडी, बीम, टमाटर, कद्दू,बैगन,खीरा,पालक, प्याज, लहसुन आदि फसल को नुकसान पहुंचा है.अंबा के तेलहारा निवासी राजीव रंजन कुमार एवं ओबरा निवासी सुदामा महतो ने बताया कि पट्टा पर 25 बीघा जमीन लेकर सब्जी की खेती की थी.फसल खराब होने से ऋण चुकाने में दिक्कत होगी.
वैसे सबसे ज्यादा नुकसान टमाटर की खेती को हुआ है. किसानों ने बताया कि बारिश से जायदा ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचा है .ज्ञात हो कि कई किसानों ने बैंकों से ऋण लेकर सब्जी की खेती की थी. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे बैंक का ऋणचुकाया जाएगा. प्रखंड कृषि पदाधिकारी शशिकांत शर्मा ने बताया कि ओलावृष्टि से हुई क्षति का अब तक प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है.
काफी ज्यादा हुई थी ओलावृष्टि |
ओलावृष्टि के 15-20 घंटे बाद भी खेतों में बर्फ देखे गए. इससे आकलन किया जा सकता है कि कितनी मात्रा में बर्फ गिरी होगी और तापमान कितना नीचे रहा होगा कि इतने समय बाद तक बर्फ पिघल नहीं पाया. बुधवार की शाम ओलावृष्टि हुई और गुरुवार के दिन निकलने तक क्यारियों में बर्फ थे. जब धूप निकली तब धीरे-धीरे बर्फ पिघलकर पानी बनी. ग्रामीणों का कहना था कि खेतों में बर्फ की मोटी परत बिछी थी. इतनी बर्फ आसानी से नहीं निकल सकती थी.
पूरी रात धीरे-धीरे पिघलने के बाद भी सुबह खेतों में बर्फ बची थी. किसानों ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन काल में कई ओलावृष्टि देखी पर ऐसी ओलावृष्टि उन्होंने नहीं देखी थी. ओलावृष्टि के बाद का नजारा ही कुछ और था. हर तरफ सफेद बर्फ ही दिखाई पड़ रही. खेत, खलिहान, सड़क सभी बर्फ से ढंके थे.
दूसरे दिन तक बर्फ देखने को मिली. जिला परिषद सदस्य किरण देवी ने कहा कि भयंकर ओलावृष्टि से किसानों को भारी क्षति हुई है. कृषि कर्मियों के द्वारा इसका सही आकलन किया जाए. आकलन की खानापूर्ति न की जाय. इस बाबत उन्होंने कई अधिकारियों से भी बात की और सही आकलन कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की.
कृषि कर्मियों को आकलन करने में हो रही परेशानी
ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति के तत्काल आकलन में कृषि कर्मियों को परेशानी हो रही है. आकलन को लेकर कृषि कर्मी क्षेत्र का सर्वे कर रहे हैं. किसी क्षेत्र में कम तो किसी क्षेत्र में अधिक नुकसान हुआ है. किस क्षेत्र में किस फसल का कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन आसानी से संभव नहीं है. हालांकि कृषि कर्मी इसके लिए प्रयासरत हैं. इसको लेकर वे लगातार क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं.
फसल क्षति के मामले में मांगी गई रिपोर्ट
औरंगाबाद जिले में बुधवार को ओलावृष्टि से प्रभावित फसल के मामले में 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है. जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि ओलावृष्टि से नुकसान होने की सूचना मिली है. सभी कृषि समन्वयक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, किसान सलाहकार अपने पंचायत में दौरा कर जानकारी लेंगे कि किसानों को नुकसान हुआ है या नहीं. इससे संबंधित प्रतिवेदन शाम तक सौंपेंगे. सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी क्षति का आकलन करेंगे. अपने क्षेत्र में जीपीएस आधारिक तस्वीर लेकर भेजेंगे. किसान का नाम, फसल, रकबा, क्षति का रकबा आदि की जानकारी देनी है.
कई किसानों के धान पड़े थे खलिहान में
जिन-जिन गांवों में ओलावृष्टि हुई है, वहां खेतों से फसल पूरी तरह नष्ट हो गये है. रबी की फसल में आधा फुट से अधिक ओले से ढंक गये थे.आसमान से पानी की बूंदों के साथ बरसा ओला देर शाम तक नहीं घुल पाया था. दरमी के धीरेंद्र सिंह, तेतराइन अरविंद सिंह,करमा बसंतपुर के विश्वनाथ सिंह, कुमार सुरेंद्र सिंह,दुल्ला बिगहा के जितेंद्र सिंह,बोदी बिगहा के भरथव लक्ष्मण मेहता,जिवा बिगहा के कराती देवी के आलूव सरसों का फसल नष्ट हो गया.चकुआ के पवन सिंह, शेखपुरा गांव के विजय कुमार पासवान, सुनील पासवान निराला, बेदौलिया के पूर्व मुख्य नंदलाल दूबे, अजय दूबे, चितांवन बिगहा गांव के संतोष पांडेय, सडिहा के मनीष कुमार आदि किसानों ने बताया कि प्रकृति की इस मार से हम सभी दाने-दाने को मुहाल हो गये हैं.
फसल चौपट होने से किसी को बेटे की पढ़ाई की चिंता सताने लगी है तो किसी को बिटिया की शादी की .शेखपुरा के सुनील पासवान निराला ने बताया कि उन्हें इस वर्ष बिटिया की शादी करनी थी. सोचा था कि फसल बेचकर इस बार बेटी की शादी करेंगे पर सारा सपना चूर हो गया.खेत में लगे सब्जी के फसल आलू, फूलगोभी, टमाटर अभी पूरी तरह नष्ट हो गए हैं. इसके साथ ही रबी फसल गेहूं, चना, मसूर, मटर, धनिया, सरसों, तीसी आदि का भी भारी नुकसान हुआ है. जिन किसानों के धान अभी तक खलिहान में पड़े हैं. उन्हें भी काफी नुकसान हुआ है. कृषि समन्वयक आशुतोष कुमार ने बताया कि आलू एवं सरसों की फसल पूरी तरह समाप्त हो गए हैं. चना एवं गेहूं में 20 से 30 प्रतिशत तथा मसूर 40 प्रतिशत नुकसान होने की आशंका है.
सांसदवको-ऑपरेटिव चेयरमैन ने लिखा पत्र
सांसद सुशील कुमार सिंह ने जिले के विभिन्न प्रखंडों में ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान का आकलन कर जल्द मुआवजा देने के लिए डीएम को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि ओलावृष्टि से किसानों के रबी फसल का काफी नुकसान हुआ है. इसकी भरपाई करना जरूरी है. इधर कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन संतोष कुमार सिंह ने डीएम को लिखे पत्र में कहा है कि ओलावृष्टि से नुकसान के बाद उन्होंने क्षेत्र का भ्रमण किया तो किसानों द्वारा रो-रोकर अपनी बात सुनायी गयी.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में डीएओ रणवीर सिंह ने बताया कि ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति के आकलन करने के लिए संबंधित क्षेत्र के सलाहकार व कोऑर्डिनेटर को निर्देश दिया गया है.फसलवार क्षति का आकलन कर अविलंब रिपोर्ट भेज दी जायेगी.इस दौरान ओला से बर्बाद हुई फसल व किसानों को फोटो लेकर ऑनलाइन विभाग को भेजेंगें.
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