यूरिया के लिए जिले में मचा हाहाकार, यूरिया खरीदने के लिए लग रही है लंबी कतारें
दाउदनगर प्रखंड में धान की रोपनी का लक्ष्य शत-प्रतिशत हासिल कर लिया गया है. रोपनी के बाद धान की सोहनी का काम चल रहा है. यह समय फसल में खाद के लिए उत्तम है. लेकिन खाद की किल्लत के कारण किसान परेशान हैं. भारी बारिश के बाद खेतों में पानी जमा है. खेतों में धान की फसल से पानी के खिसकने से दिखाई तो दे रही है, लेकिन किसानों के पास सबसे बड़ी समस्या खाद को लेकर उत्पन्न है.
किसानों का कहना है कि सोहनी के समय यूरिया की आवश्यकता पड़ती है. इस फसल को खड़ा करने के लिए खाद की जरूरत है और किसानों को यूरिया खाद अब मिल नहीं रहा है. खाद की दुकानों पर किसानों की भीड़ दिख रही है. किसान खाद की अधिकृत दुकानों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि अगर समय पर यूरिया खाद की उपलब्धता नहीं हो पायी, तो फसल को बचाना भी मुश्किल हो जायेगा.
70 हजार बोरे की जरूरत, मिले 7470 बोरा
प्रखंड कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दाउदनगर प्रखंड में 12000 हेक्टेयर में धान की रोपनी की गयी है. इस हिसाब से देखा जाये तो सोहनी के समय ही इस प्रखंड में लगभग 48 हजार बोरा यूरिया खाद की जरूरत है. इसके बाद सितंबर महीने में निकाई-बुनाई के समय करीब 20 हजार खाद के बोरा की जरूरत होगी. इस प्रकार दाउदनगर प्रखंड में किसानों के लिए लगभग 70 हजार बोरा खाद की आवश्यकता है. अभी तक सरकार द्वारा मात्र 7470 बोरा यूरिया खाद का आवंटन दाउदनगर प्रखंड में किया गया है, जो खाद की दुकानों में समाप्त हो चुका है. प्रखंड कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, 12 जुलाई को 1800 बोरा, 29 जुलाई को 1370 बोरा, 14 अगस्त को 4100 बोरा व 17 अगस्त को 200 बोरा यूरिया खाद का आवंटन दाउदनगर ब्लॉक को किया गया, जो समाप्त हो चुका है.
खाद की दुकानों पर लग रही भीड़
खाद के अधिकृत दुकानों पर खाद खरीदने के लिये किसानों की बहुत भीड़ उमड़ी दिख रही है. लेकिन, खाद की किल्लत के कारण किसान परेशान हैं. बुधवार को बाजार समिति परिसर स्थित बिस्कोमान में खाद खरीदने के लिए किसानों की इतनी भीड़ इकट्ठी हो गयी और इतना हल्ला-गुल्ला होने लगा कि पुलिस को बुलाना पड़ा. तब जाकर पुलिस की उपस्थिति में रात्रि तक खाद का वितरण किया गया और खाद समाप्त हो गया. इसी तरह का नजारा अन्य खाद के अधिकृत दुकानदारों के यहां भी इसी प्रकार की स्थिति देखने को मिली और दाउदनगर प्रखंड में खाद पूरी तरह समाप्त हो चुका है. किसानों का कहना है कि यदि समय पर खाद का आवंटन नहीं किया गया तो फसल को बचाना मुश्किल हो जायेगा।
क्या कहते है अधिकारी
प्रखंड कृषि पदाधिकारी विजय रजक का कहना है कि खाद के डिमांड के लिए विभागीय स्तर पर अवगत कराया गया है. जितना यूरिया का आवंटन हुआ था,उतना बाटा जा चुका है.अब नया आवंटन आने के बाद ही किसानों को खाद मिल सकता है.आवंटन की प्रतीक्षा की जा रही है.
यूरिया खाद की किल्लत सिर्फ औरंगाबाद जिले में ही नही बल्कि पूरे मगध एरिया में है. यही समस्या अरवल जिले में भी देखी गई अगर बात की जाए अरवल की तो प्रखंड क्षेत्र में यूरिया के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पूरे दिन किसान यूरिया की खोज में एक दुकान से दूसरे दुकान का चक्कर लगा रहे हैं. जहां कहीं भी यूरिया आने की खबर होती है, उस ओर किसानों का हुजूम उमड़ पड़ता है. ऐसा ही नजारा गुरुवार को अनपूर्णा फर्टिलाइजर मेन रोड महेंदिया में देखा गया, जहां खाद के लिए किसानों की भारी भीड़ जुट गयी. भीड़ को नियंत्रित करने में विक्रेता को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा. दुकान खुलने के पहले ही किसानों की लंबी कतार लग गयी. दुकान के आसपास पूरा दिन अफरातफरी का माहौल कायम रहा. समय पर यूरिया नहीं मिलने से किसानों के चेहरे मुझाने लगे हैं.
किसानों का कहना है कि धान की फसल में निराई के बाद तुरंत यूरिया की जरूरत पड़ती है, जिसके बिना फसल बर्बाद होने का डर बना रहता है. कई किसानों ने आरोप लगाया कि व्यापक पैमाने पर खाद की कालाबाजारी हो रही है. कालाबाजारी के कारण 266 रुपये बोरी बिकने वाली यूरिया 320 से 350 रुपये तक बेची जा रही है, फिर भी समय पर नहीं मिल रही है. खाद की किल्लत दूर करने में अधिकारी भी सहायता नहीं कर रहे हैं. इस संबंध में खाद विक्रेता जनार्दन सिंह ने बताया कि मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं की जा रही है, जिससे वितरण में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि जरूरत के अनुसार यूरिया उपलब्ध कराने के लिए लगातार विभाग को सूचित किया जा रहा है. कुछ ही दिनों में पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध हो जायेगी।
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