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योग के नियमित अभ्यास से बदल जाता है आचरण और व्यवहार



 मगध विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबगोष्ठी के क्रम में दूसरे दिन रविवार को संस्कृत विभाग ने योग की वैदिक परंपरा और वर्तमान संदर्भ विषय पर चर्चा हुई. अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि योग की वैदिक परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है. योग में वैज्ञानिक दृष्टिकोण है. इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे महत्व दिया और विश्व के 177 देशों ने स्वीकार किया है.

 वर्तमान समय में मानव मात्र की बहुत सारी समस्याएं है, उसमें योग विद्या साधन के रूप में कार्य कर सकती है. मन,कर्म और वचन की चेतना से जुड़ कर चेतना के उच्च स्तर को धारण करने में योग की महती भूमिका हो सकती है और उसका व्यापक असर उसके जीवन पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि गीता के 18वें अध्याय में योग का ही निरूपण है. योग एक ऐसी विद्या है जो जीवन जीने का कल्याणमय मार्ग दिखाता है. आज के सांसारिक समस्या का समाधान यम और नियम में बहुत कुछ कही गयी है. इसका अभ्यास किया जाए तो मनुष्य के स्वभाव में परिवर्तन आ जायेगा. उसका आचरण और वाह्य व्यवहार भी बदल जायेगा. नैतिक साधना के लिए यम और नियम का पालन करना जरूरी है. 

 अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज में रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के पूर्व प्रातः सामान्य योग अभ्यास सह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ. कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम गणित विभाग के प्राध्यापक अभिषेक कुमार मिश्र ने राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम पदाधिकारी एवं दर्शनशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ श्वेता सिंह, योग प्रशिक्षिका कृति शर्मा तथा ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में जुड़े सभी विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकों, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों व विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए योग की महत्ता पर प्रकाश डाला. 


स्वागत कार्यक्रम के पश्चात योग प्रशिक्षिक कृति शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को योग विषय पर उद्बोधन देते हुए योग प्रशिक्षण करवाया. प्रशिक्षण कार्यक्रम के पश्चात व्यवसाय अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष नवनीत प्रिये ने आयुष मंत्रालय द्वारा जारी योगा प्रोटोकोल वीडियो की ऑनलाइन प्रस्तुति सबके साथ साझा की. प्रधानाचार्य प्रोफेसर (डॉ) एम शमसुल इस्लाम ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सबको बधाई दी. उन्होंने कहा कि मुझे पूरी आशा है कि योग दिवस पर अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज द्वारा आयोजित दो दिवसीय योग महोत्सव ना सिर्फ राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक एवं विद्यार्थियों बल्कि शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारियों सहित हम सभी के लिए योग के माध्यम से स्वस्थ रहने के लिए जागरूक करेगा साथ ही उत्साह और उमंग के साथ जोड़ेगा.


इसी मौके पर  टिकारी. एसएन सिन्हा कॉलेज टिकारी में योग दिवस के मौके पर ऑनलाइन वेबमिनार का आयोजन एनएसएस इकाई द्वारा किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ सत्येंद्र प्रजापति ने कहा कि योग एक व्यापक शब्द है. निरोगी शरीर में ही स्वस्थ्य मन का निवास होता है. इसके नित्य अभ्यास से मन वशरीर दोनों स्वस्थ्य होते हैं. खासकर विद्यार्थियों के लिए योग जरूरी है क्योंकि मन शांत होकर एकाग्र हो जाता है. 


दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के नव संचालित शारीरिक शिक्षा विभाग व खेल-कूद विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “अंतराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योगई- कार्यशाला” के छठे दिन विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किये.जन सम्पर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि ई-कार्यशाला के छठे दिन दिन रविवार को मुख्य वक्ता मिस वेरा, योग प्रशिक्षक, मास्को (रूस) थी. इन्होंने योगासन व प्राणायाम के महत्व को बताया. प्रतिभागियों को विभिन्न आसनों व प्राणायाम की विभिन्न तकनीक को समझाया व अभ्यास भी कराया.डॉ.विवेक नारायण ने योग के चिकित्सीय पहलूपर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि नियमित योग करने से न सिर्फ हम विभिन्न प्रकार के रोगों को होने से रोक सकते है.

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