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औरंगाबाद जिले के डीएम ने दिया मुखिया और तीन वार्ड के अध्यक्ष सचिव पर FIR करने का आदेश,नल जल योजना का सब डकार गए मुखिया



 बारुण प्रखंड के ग्राम पंचायत गोठौली के अध्यक्ष सह मुखिया रिंकु देवी समेत वार्ड के प्रबंधन सह कार्यान्वयन के अध्यक्ष एवं सचिव पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश सौरभ जोरवाल ने बीडीओ को दिया है

डीएम के जारी आदेश के अनुसार पर नल जल योजना में राशि गबन करने का आरोप है। जांच में गबन का मामला सही पाया गया है। डीएम के अनुसार  वार्ड संख्या तीन, चार  में नल जल योजना का कार्य में धांधली पाई गई है। जांच में पाया गया है कि नल जल योजना का कार्य मुखिया के पति पासवान के द्वारा कराया जा रहा है। वार्ड के खाते से सभी की निकासी कर ली गई है पर कार्य पूरा नहीं किया गया है। मुखिया द्वारा मुख्यमंत्री निश्चय योजना के विभिन्न वार्डों में गठित समिति राशि भेजने में मनमानी की गई है। बीडीओ के जांच में यह पाया गया है कि मुखिया के द्वारा सरकारी राशि का सदुपयोग के बजाय दुरुपयोग की गई है। मुखिया पद के शक्तियों का दुरुपयोग किया गया है और कर्तव्यों का निर्वहन सही तरीके से नहीं किया गया है। 


डीएम ने बीडीओ को निर्देश दिया है कि मुखिया पर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। उधर, बारुण प्रखंड के ग्राम पंचायत कोचाढ़ के ग्राम पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष सह मुखिया इंद्रमणी देवी पर डीएम सौरभ जोरवाल ने प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश बीडीओ को दिया है। मुखिया पर नल जल योजना के अलावा पंचम वित्त एवं 14वें वित्त आयोग की सरकारी राशि गबन करने का आरोप है।


ऐसे लोगों पर सरकार कड़ा रुख अपना तो रही है लेकिन फिर भी इन भ्रस्ट लोगों को कोई टेंसन नही है और बिंदास रह रहा है। ऐसा ही हुआ एक और वाक्या जिसमे पाइप बिछी, टंकी लगी, फिर भी नहीं किसी भी घर मे पानी मिला है। एक साल बीत भी गया है।

यह मामला गोह प्रखंड के बनतारा पंचायत के इस्माइलपुर गांव के वार्ड पांच का है जिसमे मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का शुद्ध जल सिर्फ बन कर रह गई है। जहां जलमीनार टंकी सहित खड़ी तो कर दिया गया है। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी नल से पानी की एक बूंद भी नहीं निकला। गांव की मुख्य सड़क भी कच्ची है। जिस पर लगभग एक फुट से ज्यादा कीचड़ और दलदल पसरा हुआ है। बारिश के दिनों में पानी इतना जमा रहता है कि पहचान करना भी मुश्किल होता है। गांव में मुखिया ने न तो पीसीसी, खड़ंजा किया है और न ही मिट्टी का भराई कार्य  कराया है। नाली निर्माण तो बहुत दूर की बात है। मंगलवार को इस रवैये पर आक्रोशित ग्रामीणों ने पंचायत मुखिया अख्तियार खां एवं वार्ड एवं सरकार के खिलाफ बवाल काटा एवं मुर्दाबाद नारे भी लगाएं। नल-जल योजना के तहत जहां तहां घर में पाइप और लगा दिए गए हैं। लेकिन उससे को एक बूंद पानी अभी तक नसीब नहीं हुआ है। इस मामले पर ग्रामीणों का आरोप है कि नल-जल योजना में भारी लूट मची है। सरकार के लाखों रुपये का बंदरबांट किया जा रहा है। घरों में जलापूर्ति के लिए जो पाइप बिछाए गए हैं वह काफी खराब और घटिया है। ग्रामीण भाकपा नेता कृष्णनंदन सिंह, मुन्नीलाल शर्मा, राजेश्वर यादव, दिग्विजय सिंह, शीतल यादव, अवधेश यादव, भीमसेनी साव, धनंजय कुमार, लालबाबू यादव, विक्रम कुमार समेत दर्जनों आक्रोशितों का कहना है कि योजना में मानक के अनुरूप कार्यन हीं किया गया है। जो पाइप बिछाए गए हैं, वह घटिया क्वालिटी के हैं। मात्र 10 इंच से एक फुट गड्ढा काट कर ही पाइप डाले गए हैं। जबकि प्रावधान के अनुसार तीन फुट गड्ढा खोद कर पाइप बिछाना है। वहीं वार्ड सदस्य देववली यादव ने बताया कि कार्य मेरे द्वारा ही शुरू हुआ है। लेकिन इसमें अग्रणी भूमिका पंचायत के मुखिया ने निभाई है। जिसके कारण यह हालत उत्पन्न हुई है। उधर पंचायत के मुखिया अख्तियार खां से फोन के माध्यम से संपर्क साधा गया। लेकिन संपर्क नहीं हो सका।


आज इस सब गहमा गहमी के बीच एक दुखद खबर भी आई खबर यह है कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के परसा बधार में बारिश के दौरान अचानक हुए वज्रपात की चपेट में आने से एक महिला व उसकी गाय की मौत हो गयी. घटना मंगलवार दोपहर की है. मृतका की पहचान पकहा गांव निवासी मोख्तार यादव की 45 वर्षीय पत्नी कुंति देवी के रूप में हुई है. जानकारी के अनुसार कुंति देवी अपने घर से पशुओं को लेकर परसा बधार में निकली थी. जिस जगह पर उसकी गाय घास चर रही थी, उसी जगह पर वह भी खड़ी थी. अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी. जिससे बचने के लिए जैसे ही कुंति आगे बढ़ी उसी वक्त तेज आवाज के साथ वज्रपात हुआ और गाय के साथ उसकी भी मौत घटनास्थल पर हो गयी. इधर पास में पशु चरा रहे कुछ लोगों की नजर जब उसपर पड़ी, तो परिजनों के साथ-साथ ग्रामीणों को सूचना दी. बदहवास हालत में परिजन दौड़ते हुए परसा बधार में पहुंच गये. परिजन इलाज कराने के लिए अस्पताल ले जाने की कोशिश कर ही रहे थे, लेकिन जब ग्रामीणों ने कहा कि उसकी मौत हो चुकी है तो परिजन चीत्कार उठे. पति मोख्तार यादव के साथ-साथ पुत्र धीरेंद्र कुमार,योगेंद्र कुमार की चीत्कार से हर किसी का कलेजा दहल रहा था. वहां रहे ग्रामीणों उन्हें शांत करा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा. जानकारी मिली कि ग्रामीणों द्वारा मुफस्सिल थाना पुलिस को घटना की सूचना दी गयी थी. इधर अस्पताल में भी

घंटों चीत्कार का दौर चला. अंततः पुलिस ने पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर शव परिजनों के हवाले कर दिया. ज्ञात हो कि हर दिन हो रही बारिश के दौरान जिले के किसी न किसी इलाके में वज्रपात की घटना घट रही है. अबतक दो मासूम सहित सात लोगों की मौत वज्रपात की चपेट में आने से हुई है. खेती का समय होने के कारण किसान कृषि कार्य में जुटे हुए है. खासकर ग्रामीण इलाकों में वज्रपात काल बनकर टूट रहा है.

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