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पदाधिकारियों के साथ डीएम ने की समीक्षा बैठक,जमीन होने पर ही मिलेगा किसान सम्मान निधि योजना, दिए कई निर्देश

बैठक की अध्यक्षता करते डीएम औरंगाबाद


 खुद के नाम पर जमीन होने पर ही किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिलेगा. यदि जमीन की रसीद संबंधित लाभुक के पास नहीं है तो योजना की राशि नहीं मिलेगी. गुरुवार को राजस्व से आवेदन संबंधित समीक्षात्मक बैठक में डीएम ने इसको लेकर आवश्यक निर्देश दिया. वे कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में सभी अंचलाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. 


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा के दौरान बैठक में उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि योजना की राशि हस्तांतरित करने के लिए लाभुक के पास जमीन का रसीद होना अनिवार्य है. इस तरह के मामले को लेकर जिले में 4809 आवेदन अंचल स्तर पर लंबित है. स्पष्ट कहा गया कि जिनके नाम से जमाबंदी कायम है, उन्हीं को इस योजना लाभ दिया जायेगा. डीएम ने इसके बाद प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की. 


पूछताछ के क्रम में अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत भूमिहीन लाभुकों के लिए यदि अंचल में भूमि उपलब्ध है तो संबंधित अंचलाधिकारी द्वारा भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव संबंधित बीडीओ को दिया जाये. ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. डीआरडीए डायरेक्टर बालमुकुंद प्रसाद ने बताया कि सभी अंचलों को मिला कर भूमिहीन लाभुकों का कुल 203 प्रतिवेदन आया है. इस पर डीएम ने सभी अंचलाधिकारियों को प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया. अभियान बसेरा की समीक्षा के दौरान बताया गया कि इसके अंतर्गत 2643 सर्वेक्षित परिवारों के विरुद्ध अभी तक 283 परिवारों को भूमि उपलब्ध नहीं करायी गयी है. 


इसमें बारुण में सबसे अधिक 61 आवेदन लंबित है. डीएम ने यथाशीघ्र 1 बसेरा के लंबित मामलों को निष्पादित करने का निर्देश अंचलाधिकारी को दिया. बैठक में उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार, सदर भूमि सुधार उप समाहर्ता अविनाश कुमार सिंह, दाउदनगर भूमि सुधार उप समाहर्ता संजय कुमार, वरीय उप समाहर्ता फतेह फैयाज, वरीय उप समाहर्ता सह जिला नीलाम पत्र प्रभारी मनीष कुमार, राजस्व प्रभारी अनीशा भारती, सभी उपस्थित थे.

इसी बैठक के दौरान डीएम ने बैठक में समीक्षा के दौरान आपदा प्रभारी डा फतेह फैयाज ने सभी अंचलों में लंबित कोविड 19 आपदा से पीड़ित व्यक्तियों के सभी कागजात सिविल सर्जन को देते हुए एक प्रतिलिपी आपदा शाखा को देने का निर्देश दिया. बताया कि जिले में अभी तक 18 लोगों की कोविड से मौत हुई है, जिनके आश्रितों को अनुग्रह अनुदान के भुगतान के लिए आवंटन प्राप्त हो गया है. इसके भुगतान की कार्रवाई अविलंब करने का निर्देश संबंधित अंचलाधिकारी को दिया गया.


 आपदा प्रभारी ने बताया कि शेष मृत व्यक्तियों के आश्रितों के लिए आवंटन की मांग की गई है. बैठक में अपर समाहर्ता ने बताया कि अंचलाधिकारी द्वारा संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर आश्रितों को दी गयी राशि का समायोजन भी यथाशीघ्र कर लें, ताकि अतिरिक्त आवंटन की मांग की जा सके. 


इसके अलावे दाखिल खारिज के मामलों की समीक्षा के दौरान डीएम ने इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया. सभी अंचलाधिकारी से कहा गया कि म्यूटेशन से संबंधित मामलों में प्रगति लाएं. साथ ही 60 दिनों से अधिक लंबित म्यूटेशन का निष्पादन अविलंब करें. इसके बाद परिमार्जन पोर्टल पर लंबित मामलों को निष्पादित करने का निर्देश भी दिया गया. गोह, दाउदनगर एवं हसपुरा में लंबित आवेदनों की संख्या ज्यादा होने पर खेद व्यक्त किया गया.


इसी हाई लेवल की बैठक में जल जीवन हरियाली अभियान के नोडल पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने सभी अंचलाधिकारियों को तालाब-पोखर अतिक्रमण के वादों पर गंभीर रूप सेध्यान देने को कहा, ताकि उन्हें अतिक्रमणमुक्त किया जा सके.इसके अलावा हटाये गये अतिक्रमण से विस्थापित भूमिहीन परिवारों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश संबंधित अंचलाधिकारियों को दिया गया. बैठक में लंबित नीलाम पत्र वादों की भी समीक्षा की गयी. इसमें जिला नीलाम पत्र में जो भी अभिलेख हैं उन्हें अंचल वार कर सभी अंचलाधिकारियों को अभिलेख उपलब्ध कराने का निर्देश नीलाम पत्र प्रभारी मनीष कुमार को दिया गया. वादों की सुनवाई के लिए नवपदस्थापित अंचलाधिकारियों द्वारा सक्षम प्राधिकार की शक्ति निहित करने का अनुरोध किया गया. बैठक में इसके अलावा अन्य सभी तरह के राजस्व से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की गयी.

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